Sunday, June 5, 2011

प्यार

राज़ गहरा है
जुबाँ पे पहरा है

मन की आँखों के बगैर
नज़र आता नहीं

कीमत चूका नहीं सकते
मुफ्त पा नहीं सकते

ना हो तो मुसीबत
हो जाये तो परेशानी

मिल जाये तो मिट्टी है
खो जाये तो सोना है

ये प्यार भी क्या बला है
कह भी नहीं सकते
रह भी नहीं सकते

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