Saturday, January 19, 2013

मेरे जीने की रफ्तार कम तो नहीं

मौत आती है आने दे डर है किसे, मेरे जीने की रफ्तार कम तो नहीं
बाँटते ही रहो प्यार घटता नहीं, माप लेना तू सौ बार कम तो नहीं

गम छुपाने की तरकीब का है चलन, लोग चिलमन बनाते हैं मुस्कान की
पार गम के उतर जूझना सीखकर, अपनी हिम्मत पे अधिकार कम तो नहीं

था कहाँ कल भी वश में ना कल आएगा, हर किसी के लिए आज अनमोल है
कई रोते मिले आज, कल के लिए, उनके चिन्तन का आधार कम तो नहीं

लोग धरती पे आते हैं रिश्तों के सँग, और बनाते हैं रिश्ते कई उम्र भर
टूट जाते कई उनमे क्यों सोचना, कहीं आपस का व्यापार कम तो नहीं

जिन्दगी होश में है तो सब कुछ सही, बोझ माना तो हर पल रुलाती हमे
ये समझकर अगर तू न समझा सुमन, सोच खुशियों का संसार कम तो नहीं।