जिसे हमेशा सच बोलने की आदत थी,वो मेरे हर झूठ से खुश होती थी|
जिसे तन्हाई में रोने की आदत थी,वो एक आंसू भी गिरने पर खफा होती थी||
वो कहती थी की मुझे भूल जाओगे, जिसे मेरी हर बात याद रखने की आदत थी|
हमेशा माफ़ी मांगने के बहाने से, रोज़ गलतियाँ करना उसकी आदत थी||
वो जो दिल जान न्योछावर करती थी मुझ पर, मगर छोटी सी बात पर रूठना उसकी आदत थी|
हम उसके साथ चल दिए पर ये नहीं जानते थे,रास्ते में ही छोड़कर उन्हे जाने कि आदत थी||
पता नही था की वो हमें जिंदगी की राह छोड़ जायेगे, जिन को हमारे साथ चलने की आदत थी||||
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