पग पग संकट इस दुनिया में, दोस्त गरीब इन्सान को.
देता है भगवन भी दौलत, दौलतमंद इन्सान को ..
भूख मिटाता सबकी है वो, भूखा रहकर हर शाम को .
कर दे अर्पण अपना सबकुछ ,दौलत वालों की आराम को.
जुल्म है सहना पड़ता उसको , हर दिन हर शाम को..
दौलत की खातिर ही बेंचे, इन्सान ही इन्सान को.
पग पग संकट इस दुनिया में, दोस्त गरीब इन्सान को.
देता है भगवन भी दौलत, दौलतमंद इन्सान को ..
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