Wednesday, March 23, 2011

मै तुमको तुमसे चुरा लेता हूँ.

कैसा हूँ मै ,
क्यों हूँ मै ऐसा ......
मै कोई चोर तो नहीं......
फिर भी मै तुमको तुमसे चुरा लेता हूँ....
जब तुम कर रही होती हो कुछ काम...
मै पास खडा तुम्हारी खुशबु चुरा लेता हूँ...
बीच-२ तुम्हे हलके से छू कर...
तुम्हारा अहसास चुरा लेता हूँ...
तुम्हारे लबो से हंसी की खनखनाहट ...
मै अपने कानो के अंदर समा लेता हूँ......
तुम्हारी आँखों की चंचल शोखी.....
अपनी आँखों में बसा लेता हूँ...
मै तुमको तुमसे चुरा लेता हूँ..
क्यों करता हूँ मै ऐसा...
क्या होगा इस से.....
इसका भी राज़ बता देता हूँ..
जब भी दूर होती हो मुझसे...
अकेलापन नहीं होता गवारा..
तब तुम्हारी इन चुराई चीजों से...
मै अपना मन बहला लेता हूँ
इसलिए जब भी होती हो पास मेरे
मै तुमको तुमसे चुरा लेता हूँ..

Wednesday, March 16, 2011

होली


होली की ऋतू आई है ।
रंग गुलाल लायी है ।।
मुख में गुलाल हाँथ में रंग ।
होली खेलो सबके संग ।।
द्वेष भावना भूलकर ।
गुझियों का लो सब आनन्द।।
रंग से रहा न कोई डर ।
झूम रहे सब गीतों पर ।।
मिलाके ठंडाई में भांग ।
सब नांचे गांए संग संग ।।
लेके पिचकारी हांथों में ।
गलिन-गलिन सब घूम रहे ।।
कपड़े रंगे, रंगे चौबारे ।
कुछ जन लगे सफ़ाई में ।।
गोरे गोरे गाल हुए है लाल ।
रंग लोटा भरि-भरि डाल ।।
देखों होलीं का कमाल ।
चारों तरफ फैला रंग और गुलाल ।।

होली की हार्दिक शुभकामनाये !!!!!

Thursday, March 3, 2011

निक्का बच्चा

ओ वक़्त बड़ा ही अछा सी ,
जदों मैं निक्का बच्चा सी,
गोलियाँ-टोफिया खानदा सी,
छोटियां निकरां पन्दा सी,
ओदो सस्ता बड़ा पेट्रोल सी,
पर साइकिल मेरे कोल सी ,
ना कुड़ियां दा कोई ज़िक्र सी,
मेनू पढाई दी बस फ़िक्र सी,
ना facebook ते status लिखदा si
जदों यार सारे मेरे नाल सी,
ओदों वक़्त ने बदली चाल सी,
स्कूल छड,आये कॉलेज विच,
क्योंकि ज़िन्दगी दा सवाल सी,
हुन ग्रुप विच रहना पैंदा है
सॉरी-थान्क्यु केना पैंदा है,
पर फेर वी यार मेरे पुछदे ने,
तू कल्ला-कल्ला क्यूँ रहंदा है
मैं जवाब नहीं दे पेंदा हाँ
बस चुप-चाप रह जांदा हाँ
फिर अथरू पूंज केंदा हाँ
तुस्सी सारे जाओ,मैं आंदा
सब पुछदे की वजह दिल सख्त दी
मैं क्या,याद आ गयी उस वक़्त दी
जो वक़्त बड़ा ही अच्छा सी
जदों मैं निक्का बच्चा सी